ज़िन्दगी मुझमें उबलती है,
– गरिमा साहू
न पकती है, न गलती है।
मेरी कलम की तरफ रोज़ इशारा करती है,
और हर रोज़ खुद को,
कोरे कागज़ पर उकेरती है।
लेखिका कु गरिमा साहू उत्तर प्रदेश के प्रयागराज(इलाहाबाद) की रहने वाली है। इनका जन्म इलाहाबाद शहर में ही हुआ है।तथा इनकी शिक्षा भी यहीं से हुई है। गरिमा जी समाज कार्य विषय से परस्नातक है। यह अपने जीवन काल मे एक समाज सेविका के रूप में कार्य करना चाहती है, जिसके लिए वह प्रयासरत है। गरिमा जी के हिसाब से, हमे अपने जीवन काल मे कोई भी ऐसा कार्य नहीं है, जिसे हम सभी कर नहीं सकते है।उनका मानना है कि, और वह खुद भी इसी दिशा में सदैव प्रयासरत होती हैं कि, हमे वो हर चीज़ें करनी चाहिए जसके हम इक्छुक हों, और जिसमे दुसरो का भी भला छिपा हो।उनका मानना है कि, अपने विचारों को, अपनी कल्पनाओं को कविता के माध्यम से बहुत ही खूबसूरती के साथ व्यक्त किया जा सकता है।
Occupation/Course– Student, समाज कार्य से परस्नातक है।
Inspiration- वैसे तो इनकी लेखन की प्रेरणा वह खुद हैं।वह अपने हर दिन को अपने लेखन में शामिल करती हैं।जीवन के उतार-चढ़ाव ,हर रोज़ की परिस्थितियां उनके लेखन को प्रेरणा देती हैं।प्रकृति भी उनके लेखन को बहुत अधिक स्पर्श करती हैं। कवि के रूप में वह ‘गुलज़ार’ जी को अपना प्रेरणा स्त्रोत मानती हैं।
Publication- None
What is poetry to me– कविता मेरे लिए मेरी भावनाओं को व्यक्त करने का मार्ग है।और यह अपने आप मे एक मन की शान्ति है।इसको लिखने के भाव में हम कुछ ही वक्त के लिए असम्भव को भी सम्भव बना पाते हैं।मेरे लिए कविता लिखना एक कहानी की तरफ चुम्बक का कार्य करता है।और इसे मैं अपना एक नया प्रतिबिम्ब बनाती हूँ।

Arz Hai is all about sharing with the world. It is about expression of desires,experiences, things abstract put into words, and such which is a reality of each personal world. We at Arz Hai believe in the incredible power of words.We at Arz Hai believe in the incredible power of words. We write, we help others write, we share, and we help others share.