Posted on: August 25, 2018 Posted by: Sehar Siddiqui Comments: 0

खुसरो का मकबरा
इतिहास का एक पन्ना
इलाहाबाद के दिल में बसी एक इमारत
बरसों बाद इसकी शान कुछ नयी सी है
शायद जो दफ़न है उनकी रूह कुछ बेचैन सी है
मकबरा तो है बस एक बहाना
असल में इसका बागिचा है बेहद हसीन
सुबह से ही रोशन हो जाता है इसका चमन
लोगों और चिड़ियों की चहचहाहट से धूप की तपिश से छुपकर, चांद बेघर सो जाते हैं इसके घने पेड़ों के साये में
और सांझ ढलने से पहले कई मायूस दिल बैठे हैं यहां कुछ सूकून के पल
न जाने कितने लोगों के दिल में बसा है ये खुसरो का मकबरा जिसे हम खुसरो बाग कहते हैं

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